जो कलि नाम कबीर न होते... 'कबीर ग्रंथावली: परिमार्जित पाठ' | Shyam Sunder Das | Purushottam Agrawal | Tak Live Video

जो कलि नाम कबीर न होते... 'कबीर ग्रंथावली: परिमार्जित पाठ' | Shyam Sunder Das | Purushottam Agrawal

कबीर की वाणी का शुद्धतम रूप... कबीर के अकादमिक अध्ययन का महत्त्वपूर्ण ग्रंथ, जो ग्रंथावली के अब तक के संस्करणों पर प्रोफेसर पुरुषोत्तम अग्रवाल की लंबी भूमिका के साथ उसे परिमार्जित रूप में ठीक से पढ़ने-जानने की समझ प्रदान करता है.


आज की किताबः कबीर ग्रंथावली: परिमार्जित पाठ

सम्पादक: श्यामसुंदर दास

भूमिका एवं परिमार्जन: पुरुषोत्तम अग्रवाल

प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन

पृष्ठ संख्या: 480

मूल्य: 499 रुपए


साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.