झरत जात अहय खोपड़ी के बार धीरे- धीरे
खतम होत अहय नौकरी के आस धीरे- धीरे
नेवी के उमर बीती, आर्मी के बीती
दरोगा के टूटा विश्वास धीरे-धीरे...लखनऊ में प्रदीप मौर्या ने बेरोजगारी पर माइक के लाल 'साहित्य आज तक लखनऊ 2024' के मंच से भरी हुंकार. आप भी सुनिए सिर्फ साहित्य तक पर.