Poetry on Mother | बच्चे मां की नज़रों में कभी बड़े नहीं होते.. Rajan Singh | Mike Ke Lal | Open Mic | Tak Live Video

Poetry on Mother | बच्चे मां की नज़रों में कभी बड़े नहीं होते.. Rajan Singh | Mike Ke Lal | Open Mic

ज़िंदगी इस तरह तुझसे लड़े नहीं होते

अगर वो न होती तो हम पांव पर खड़े नहीं होते... साहित्य तक द्वारा आयोजित इंडिया टुडे मीडियाप्लेक्स स्थित ऑडिटोरियम में 'माइक के लाल: सीज़न-3' ओपेन माइक इवेंट में 'राजन सिंह' द्वारा पढ़ी गई ये शानदार कविता आप भी सुनिए. इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी साहित्य तक के सभी डिजीटल मंच पर एक साथ किया गया था. आज से हम साहित्य तक- माइक के लाल' के तहत ओपेन माइक में पढ़ी गई उन रचनाओं को यहां भी प्रसारित कर रहे हैं. राजन की इस मंच पर सुनाई गई कविता 'बच्चे मां की नज़रों में कभी बड़े नहीं होते...' को आप भी सुन सकते हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं. युवा प्रतिभाओं को मंच दिलाने की साहित्य तक की इस मुहिम से जुड़े रहिए, और हर दिन यहीं, इसी वक्त सुनिए माइक के लाल की उम्दा प्रस्तुतियां.