ख़ुशी मनाएंगे जब मुस्कान होंठों पर सजाएंगे
तभी मां लक्ष्मी विघ्नेश के आशीष पाएंगे
चलो खाएं कसम मिलकर उजाले बांटेंगे हम सब
अवध जो जगमगाया है जगत को जगमगाएंगे...कवि मनीष कुमार मधुकर की यह शानदार कविता आप भी सुनिए सिर्फ साहित्य तक पर.