जवरीमल्ल पारख की पुस्तक 'साहित्य, कला और सिनेमा: अंतःसंबंधों की पड़ताल' साहित्यिक कृतियों के सिनेमाई रूपांतरण के सैद्धांतिक पक्षों पर प्रकाश डालती है. इस पुस्तक में लेखक ने हिंदी और अन्य भाषाओं की कई साहित्यिक कृतियों और उन पर बनी फिल्मों का तुलनात्मक अध्ययन किया है. इसके साथ-साथ बिमल रॉय, सत्यजित राय और मणि कौल जैसे दिग्गज निर्देशकों की विशिष्टताओं पर रोशनी डाली है और प्रेमचंद के संक्षिप्त फिल्मी सफ़र की भी चर्चा की है.
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आज की किताबः साहित्य, कला और सिनेमा: अंतःसंबंधों की पड़ताल
लेखक: जवरीमल्ल पारख
भाषा: हिंदी
विधा: सिनेमा
प्रकाशक: वाम प्रकाशन
पृष्ठ संख्या: 408
मूल्य: 750 रुपये
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.