रौशनी से घोरतम की हार है दीपावली
ज़िंदगी में नेह का विस्तार है दीपावली
दीप बनकर इक इबारत हम लिखें हर रात पर
इक नये संकल्प का त्योहार है दीपावली... अनामिका अंबर की दीपावली पर ये शानदार कविता सुनें सिर्फ़ साहित्य तक पर.