Anna Bhau Sathe Jayanti | केवल डेढ़ दिन का स्कूल, बने महान लेखक.. Vishvas Patil की 'अण्णा भाऊ साठे' | Tak Live Video

Anna Bhau Sathe Jayanti | केवल डेढ़ दिन का स्कूल, बने महान लेखक.. Vishvas Patil की 'अण्णा भाऊ साठे'

आज महान मराठी लेखक अण्णा भाऊ साठे की जयंती है. ऐसे में मराठी के ही एक अन्य उत्कृष्ट लेखक विश्वास पाटील द्वारा लिखित जीवनी को पढ़ना इस महान लेखक के जीवन-संघर्षों, विचारों को समझने की एक अनूठी दृष्टि देता है. ‘अण्णा भाऊ साठे: दलित और स्त्री-जगत् के श्रेष्ठ क़लमवीर’ इस महान मराठी लेखक की जीवनी है. पहले यह पुस्तक मराठी में आई थी, अब सुरेश माहेश्वरी ने इसे हिंदी में अनूदित किया है. अण्णा भाऊ साठे मराठी में दलित साहित्य की ज़मीन रचने और उसे एक ऊंचाई देने वाले क़लमकार रहे हैं. सदियों से प्रताड़ित दलितों के पास उन्नीसवीं- बीसवीं शताब्दी में इतना ताक़तवर लेखक होने का ही परिणाम था कि वे गैरबराबरी पर आधारित, जन्मगत श्रेष्ठता वाली सनातन प्राचीन व्यवस्था के ख़िलाफ़ धैर्य के साथ खड़े हो पाये, उनसे जूझ पाये.


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आज की किताबः अण्णा भाऊ साठे: दलित और स्त्री-जगत् के श्रेष्ठ क़लमवीर

लेखक: विश्वास पाटील

मूल भाषा: मराठी

हिंदी अनुवाद: सुरेश माहेश्वरी

विधा: जीवनी

प्रकाशक: वाणी प्रकाशन

पृष्ठ संख्या: 360

मूल्य: 595 रुपए


साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.