अपने-अपने कर्मों के अनुसार सुख और दुख भोगते हैं और केवल ज्ञान उनके सुख में वृद्धि एवं दुख में कमी कर सकता है। यह ज्ञान, हमारे पूर्वजों का वह परिश्रम है जिसके अनुसार उन्होंने पूरे खगोल को मापा, ब्रह्मांड तथा एक-एक ग्रह और नक्षत्र का अध्ययन किया एवं ज्योतिष विद्या का अनुसंधान किया जिससे भाग्य और भविष्य दोनों का ही पता लगाया जा सकता है संसार में एक ही समय पर जन्म लेने वाले प्राणियों का भाग्य भी जुदा-जुदा होता है। जन्म काल में हम जितनी बातों को सबसे अधिक महत्व देते हैं, उनमें प्रमुख हैं सप्ताह के दिन। सप्ताह का हर दिन अपने में एक विशेषता रखता है। उसमें जन्मे बालक में वह विशेषता कुछ अंश तक भी विद्यमान रह सकती है और नहीं भी रह सकती। यह उसके साथ अन्य स्थिति तथा प्रभावों पर निर्भर करती है। ...तो आइए ऐसे में ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि,अपने जन्म के दिन से जानें कब होगा आपका भाग्योदय..