हम हिंदुस्तानी मिट्टी से केसरिया तिलक लगाते हैं... Mukesh Tiwari | Desh Bhakti Poem | #26january
अरुणाचल है हाथ हमारा सिर लद्दाख को कहते हैं
कंधे पर हिम की चादर कश्मीर शिखा को कहते हैं
सीने पर बह रही है गंगा झुका चरण में सागर है
रेत समेटे भुजा दाहिनी इतिहास का उज्ज्वल काजल है... कवि मुकेश तिवारी की यह देशभक्ति कविता सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे. सुनिए सिर्फ साहित्य तक पर.