Shehpar Rasool की ये शायरी असल ज़िंदगी से मिलती है | Latest Mushaira | Shehpar Rasool Shayari
बस्तियां बस्ती गई, जंगल फ़ना होते गए
लोग पास आते गए, लेकिन जुदा होते गए...शहपर रसूल की जबरदस्त शायरी सुनें सिर्फ़ साहित्य तक पर.