तन्हाई में पनपती प्यास को बयां करती Sadegh Hedayat की 'अन्धा उल्लू' | Nasera Sharma | EP 696
मैं सिर्फ़ अपनी छाया के लिए लिखने जा रहा हूं
जो लैम्प के सामने दीवार पर पड़ रही है. अब ज़रूरी है कि मैं उससे अपना परिचय कराऊं.
आज की किताबः अन्धा उल्लू
लेखक : सादिक़ हिदायत
अनुवाद: नासिरा शर्मा
प्रकाशक: लोकभारती पेपरबैक्स
पृष्ठ संख्या: 120
मूल्य: 199 रुपए
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.