Nawaz Deobandi | जिस दिन चटनी मिल जाती है रोटी कम पड़ जाती है.. Nawaz Deobandi Shayari | Sahitya Tak
रूखी-सूखी खाकर बच्चे खुश होकर सो जाते हैं
जिस दिन चटनी मिल जाती है रोटी कम पड़ जाती है...नवाज़ देवबंदी की शानदार शायरी ने कोलकाता मुशायरा में लगा दिए चार चांद.