Rajasthan की वीर गाथा पर सुनें Vineet Chauhan की यह कविता | Hindi Kavita | Rajasthan | sahityatak
सैलानी ज़रा ठहरो यहां इतिहास सोए हैं
यहां रणबांकुरों ने रेत में शीष बोए हैं
यह वही भूमि है जो युद्ध को श्रृंगार देती है
किसी पद्मावती को रूप अंगार देती है...विनीत चौहान की यह शायरी सुनिए सिर्फ साहित्य तक पर.