मैं बनना चाहती हूं, ऐसा पेड़... Hemant Deolekar का संग्रह 'हमारी उम्र का कपास' | EP 930 | Sahitya Tak
समुन्दर बचपन में बादल था
किताब बचपन में अक्षर
मां की गोद जितनी ही थी धरती बचपन में
हर पकवान बचपन में दूध था
पेड़ बचपन में बीज
चुम्मियां भर थी प्रार्थनाएं बचपन में
रिश्तेदार सारे बचपन में खिलौने थे
हर वाद्य बचपन में झुनझुना
हंसी की चहचहाहट भर थे गीत बचपन में
ईश्वर बचपन में मां था
हर एक चीज़ को मुंह में डालने की
जिज्ञासा भर था विज्ञान बचपन में
और हर नृत्य बचपन में तेरी उछल-कूद से ज्यादा कुछ नहीं था
******
आज की किताबः 'हमारी उम्र का कपास'
लेखक: हेमंत देवलेकर
भाषा: हिंदी
विधा: कविता
प्रकाशक: राधाकृष्ण प्रकाशन
पृष्ठ संख्या: 133
मूल्य: 199
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.