कितनी तरह की भगवद्गीता? Hindol Sengupta की Life, Death and the Ashtavakra Gita में है क्या | EP 92
- भगवद्गीता के अलावा और कौन-कौन सी गीता हैं ?
- अद्वैत वेदांत का निचोड़ क्या है?
- अष्टावक्र गीता में क्या है?
- ऋषि मुनि की बातों का आम आदमी के जीवन से कैसा कनेक्शन?
- भगवद्गीता और अष्टावक्र गीता में क्या अंतर है?
ऐसे बहुतेरे सवाल और उनके जवाब जवाब देने के लिए आज साहित्य तक के खास कार्यक्रम 'शब्द-रथी' में हमारे साथ चर्चित लेखक एवं इतिहासकार हिंदोल सेनगुप्ता मौजूद हैं. हिंदोल लिखते तो इतिहास हैं मगर अर्थशास्त्र पर भी उनकी नज़र रहती है. हमारे महानायक और संत उनके लेखन के केंद्र में हैं, तो साहित्य और जनमानस की गतिविधियों पर भी उनकी पैनी नज़र रहती है. हिंदोल की एक नहीं बल्कि कई सारी पुस्तकें बेस्टसेलर रह चुकी हैं, जिनमें द लिबरल्स, हंड्रेड थिंग्स टू नो एंड डिबेट बिफोर यू वोट, रिकास्टिंग इंडियाः हाउ ओंत्रप्रेन्योरशिप इज रिवोल्युशनाइजिंग द वर्ल्ड्स लार्जेस्ट डेमोक्रेसी, फाइव थिंग्स टू नो एंड डिबेट बिफोर यू वोट, द सेक्रेड सोर्ड- द लिजेंड ऑफ़ गुरु गोविंद सिंह, बीइंग हिंदू- अंडरस्टैंडिंग अ पीसफुल पाथ इन अ वाइलेंट वर्ल्ड, स्वामी विवेकानंद पर 'द मॉर्डन मंक', सरदार पटेल पर 'द मैन हू सेव्ड इंडिया' और 'बीइंग हिंदू- ओल्ड फेथ, न्यू वर्ल्ड एंड यू' शामिल हैं. 'बीइंग हिंदू' के लिए अमेरिका के रिलीजन कम्यूनिकेटर्स काउंसिल की ओर से हिंदोल को प्रतिष्ठित 'विल्बर अवॉर्ड' और भारत में जनसेवा के लिए पी.एस.एफ. पुरस्कार मिल चुका है.
हिंदोल के लेखन में एक साफ़गोई नज़र आती है. उनका हर लेख एक तर्क के साथ अपनी बात रखता है. हिंदोल अपनी पुस्तक 'Life, Death and the Ashtavakra Gita' के ज़रिए हिंदू धर्म के सबसे महत्त्वपूर्ण ग्रंथों में से एक पर अपनी विशेषज्ञता और विचारों को रखते है. यह पुस्तक यह बताती है कि हमारे अद्वैत वेदांत से जुड़ा दर्शन आज हमसे कैसे बात करता है, और हमारे जीवन के लिए इसमें क्या महत्वपूर्ण सबक हैं.
वर्तमान में हिंदुत्व की स्थिति को लेकर जो द्वंद्व है, उस पर खुलकर बात करते हैं. हिंदोल की पुस्तक हर एक महत्त्वपूर्ण बिंदु पर बात करती है. और यह प्रयत्न करती है कि लोग सच्चाई से वाकिफ़ हो सकें. ग्रिन मीडिया से अंग्रेजी में प्रकाशित 'Life, Death and the Ashtavakra Gita' पुस्तक में कुल 222 पृष्ठ हैं और इस पुस्तक का मूल्य है 699 रुपए. तो 'शब्द-रथी' कार्यक्रम में हिंदोल सेनगुप्ता संग वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय की इस दिलचस्प बातचीत को आप भी सुनें, सिर्फ़ साहित्य तक पर.