किस तरह हम पुरुषों को हिंसक बना रहे हैं? Urvashi Butalia | औरतनामा | Shruti Agarwal | EP 44 | Tak Live Video

किस तरह हम पुरुषों को हिंसक बना रहे हैं? Urvashi Butalia | औरतनामा | Shruti Agarwal | EP 44

उर्वशी बुटालिया का जन्म आर्थिक रूप से बेहद संपन्न, प्रगतिशील और नास्तिक परिवार में हुआ था. लेखन के शुरुआती दौर में उन्होंने बलात्कार-हत्या-लिंगभेद जैसे विषयों पर अपनी कहानियां बुनीं. 1984 के सिक्ख दंगे के बाद उन्होंने पीड़ितों के लिए जमीनी स्तर पर काम किया. उन्होंने अपनी मां से विभाजन के बहुत से दर्दनाक किस्से सुने थे. इसके बाद उन्होंने भारत-पाक विभाजन के सच्चे किस्सों को कहानियों के रूप में बुना. इस समय भी उनका मुख्य ध्यान महिलाओं पर रहा, जिन्होंने विभाजन की त्रासदी को मन के साथ-साथ तन पर भी सहा था. उन्होंने सत्तर से ज्यादा इंटरव्यू किए और फिर इन्हें “द अदर साइड ऑफ साइलेंसः वाॅइस फ्राॅम द पार्टिशन ऑफ इंडिया” नामक किताब में सहेजा. इस किताब के कुछ अंशों को भारत के कई विश्वविद्यालयों में अकादमिक पाठ के रूप में भी शामिल किया गया है. अदर साइड साइलेंस के अलावा 'स्पीकिंग पीस: बुमन वाइस फ्रॉम काशमीर', 'वुमन एंड द हिंदू राइटः ए कलेक्शन ऑफ एसए', 'इन अदर वर्ल्ड- न्यू राइटिंग बाय इंडियन वुमन', 'वुमन हू ब्रोक द रूल– जूडी ब्लूम' आदि उनकी मुख्य किताबें हैं. वे कहती हैःं

बलात्कार अपने आप नहीं होता है. हमें अपने आप से पूछना होगा कि एक समाज और इंसान के तौर पर हम किस तरह बलात्कार की संस्कृति और सोच को बढ़ावा देते हैं. किस तरह हम पुरुषों को हिंसक बनाते हैं. किस तरह रोज महिलाओं को बेइज्जत करते हैं. उनका इस बात पर हमेशा से यह ज़ोर रहा है कि महिलाओं की स्थिति बदलने के लिए हमें समाज और परिवेश को बदलना ही होगा.

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ये वे लेखिकाएं हैं, जिन्होंने न केवल लेखन जगत को प्रभावित किया, बल्कि अपने विचारों से समूची नारी जाति को एक दिशा दी. आज का युवा वर्ग कलम की इन वीरांगनाओं को जान सके और लड़कियां उनकी जीवनी, आजाद ख्याली के बारे में जान सकें, इसके लिए चर्चित अनुवादक, लेखिका, पत्रकार और समाजसेवी श्रुति अग्रवाल ने 'साहित्य तक' पर 'औरतनामा' के तहत यह साप्ताहिक कड़ी शुरू की है. आज इस कड़ी में श्रुति एक मज़बूत नारीवादी लेखिका 'उर्वशी बुटालिया' के जीवन और लेखन की कहानी बता रही हैं. 'औरतनामा' देश और दुनिया की उन लेखिकाओं को समर्पित है, जिन्होंने अपनी लेखनी से न केवल इतिहास रचा बल्कि अपने जीवन से भी समाज और समय को दिशा दी.