Book Cafe को अलग-अलग प्रकाशनों से इस सप्ताह जो 7 पुस्तकें मिलीं | Nayi Kitabein | EP 159
पुस्तकें आपके ज्ञान को बढ़ाती हैं, साथ ही आपका मनोरंजन भी करती हैं. इनसे बेहतर आपका कोई दोस्त नहीं हो सकता. ये भाषा और विचारों के स्तर पर आपको समृद्ध करती हैं, तो दुनिया-जहान की बातें भी आपको बताती हैं. इसीलिए 'साहित्य तक' के 'बुक कैफे' में 'एक दिन, एक किताब' के तहत हर दिन किसी न किसी पुस्तक की बात होती है.
इसके निमित्त प्रकाशकों का भरपूर सहयोग भी साहित्य तक को मिलता रहा है, और आप सबके लिए हमारे पास हर सप्ताह ढेरों किताबें आ रही हैं. पुस्तकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक भी पुस्तक चर्चा से छूट न जाए, इसलिए हम 'नई किताबें' कार्यक्रम के तहत उन पुस्तकों की जानकारी आपको दे रहे हैं, जो 'बुक कैफे' में चर्चा के लिए हमें प्राप्त हुई हैं. पहले सप्ताह में एक दिन होने वाला यह कार्यक्रम अब सप्ताह में दो बार आपके पास आ रहा है. यह 'बुक कैफे' की ही एक श्रृंखला है, जिसमें वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय आपको उन पुस्तकों की जानकारी दे रहे हैं.
इस सप्ताह हमें अलग-अलग प्रकाशनों से पुस्तकें प्राप्त हुई हैं, जिनमें दीपक पब्लिशर्स से पं रामनारायण पाठक की हरिशंकर शर्मा के संपादन से आई 'श्रीसत्यनारायण की कथा', हरिशंकर शर्मा के ही संपादन में बोधि प्रकाशन से आई 'पंडित राधेश्याम कथावाचक की ग़ज़लें', हरिशंकर शर्मा द्वारा ही संपादित, बोधि प्रकाशन से ही प्रकाशित 'अपने समय का सच: पं राधेश्याम कथावाचक की डायरी' और हरिशंकर शर्मा द्वारा संपादित, दीपक प्रकाशन से आई चौथी पुस्तक 'श्रवण कुमार: नाटक से फ़िल्म तक' शामिल हैं. तो वहीं किताबवाले से प्रकाशित राकेश पाण्डेय द्वारा संपादित 'हिन्दी और आठवीं अनुसूची विमर्श', पंक्ति प्रकाशन से प्रकाशित गौरव गुप्ता की 'देर रात तक' और प्रकाशन संस्थान से प्रकाशित देवशंकर नवीन की 'मदन कश्यप की काव्य चेतना' शामिल हैं. पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए साहित्य तक की इस पहल के साथ जुड़े रहें. हर सप्ताह ठीक शनिवार और रविवार इसी समय यहां आप जान सकते हैं कि किस प्रकाशक विशेष की कौन सी पुस्तकें, हमें यानी साहित्य तक को 'बुक कैफे' में चर्चा के लिए मिली हैं.
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