Book Cafe को Sahitya Akademi से इस सप्ताह जो 5 पुस्तकें मिलीं | Nayi Kitabein | EP 161 | Tak Live Video

Book Cafe को Sahitya Akademi से इस सप्ताह जो 5 पुस्तकें मिलीं | Nayi Kitabein | EP 161

पुस्तकें आपके ज्ञान को बढ़ाती हैं, साथ ही आपका मनोरंजन भी करती हैं. इनसे बेहतर आपका कोई दोस्त नहीं हो सकता. ये भाषा और विचारों के स्तर पर आपको समृद्ध करती हैं, तो दुनिया-जहान की बातें भी आपको बताती हैं. इसीलिए 'साहित्य तक' के 'बुक कैफे' में 'एक दिन, एक किताब' के तहत हर दिन किसी न किसी पुस्तक की बात होती है.

इसके निमित्त प्रकाशकों का भरपूर सहयोग भी साहित्य तक को मिलता रहा है, और आप सबके लिए हमारे पास हर सप्ताह ढेरों किताबें आ रही हैं. पुस्तकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक भी पुस्तक चर्चा से छूट न जाए, इसलिए हम 'नई किताबें' कार्यक्रम के तहत उन पुस्तकों की जानकारी आपको दे रहे हैं, जो 'बुक कैफे' में चर्चा के लिए हमें प्राप्त हुई हैं. पहले सप्ताह में एक दिन होने वाला यह कार्यक्रम अब सप्ताह में दो बार आपके पास आ रहा है. यह 'बुक कैफे' की ही एक श्रृंखला है, जिसमें वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय आपको उन पुस्तकों की जानकारी दे रहे हैं.

इस सप्ताह हमें साहित्य अकादमी से पुस्तकें प्राप्त हुई हैं, जिनमें लालचंद गुप्त 'मंगल' की 'भारतीय साहित्य के निर्माता- संतोख सिंह', सतीश कुमार राय की 'भारतीय साहित्य के निर्माता- गोपाल राय', राधावल्लभ त्रिपाठी द्वारा संपादित 'लल्लेश्वरी के वाख़' अद्वेतवादिनी कौल से अनुदित, गिरीश्वर मिश्र की 'भारतीय साहित्य के निर्माता- विद्यानिवास मिश्र', और दिविक रमेश की 'किम सोवल की कविताएँ' शामिल हैं. पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए साहित्य तक की इस पहल के साथ जुड़े रहें. हर सप्ताह ठीक शनिवार और रविवार इसी समय यहां आप जान सकते हैं कि किस प्रकाशक विशेष की कौन सी पुस्तकें, हमें यानी साहित्य तक को 'बुक कैफे' में चर्चा के लिए मिली हैंर.