अग्निवीर अमृतपाल सिंह की मौत के बाद एक बार फिर अग्निवीर स्कीम पर उठे सवाल, उठाए अहम मुद्दे
जम्मू कश्मीर में ड्यूटी पर तैनात अग्निवीर अमृतपाल सिंह की 11 अक्टूबर को गोली लगने से मौत गई, जिसके बाद उनका पार्थिव शरीर उनके गाँव कोटली कलां मानसा में लाया गया. कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि उनके पार्थिव शरीर को भी आर्मी वाहन के बजाए प्राइवेट एंबुलेंस से लाया गया और उनका अपमान किया गया. ग्रामीणों ने पूछा तो उन्हें बताया गया कि सरकार की नीति के तहत अग्निवीर को शहीद का दर्जा नहीं दिया जा सकता, इसलिए सलामी नहीं दी जाएगी. हालांकि, अग्नीवीर अमृतपाल की मौत के बाद से एक बार फिर अग्निपथ योजना पर सवाल खड़े हो गए हैं.